tag:blogger.com,1999:blog-6205699393507977773.post4569831849657624846..comments2023-04-12T02:53:14.834-07:00Comments on पावस: इतना ही बहुत हैAnjani Kumarhttp://www.blogger.com/profile/02137522297518614325noreply@blogger.comBlogger4125tag:blogger.com,1999:blog-6205699393507977773.post-61289501984851527592012-06-01T03:34:34.832-07:002012-06-01T03:34:34.832-07:00बहुत पसन्द आया
हमें भी पढवाने के लिये हार्दिक धन्य...बहुत पसन्द आया<br />हमें भी पढवाने के लिये हार्दिक धन्यवादसंजय भास्कर https://www.blogger.com/profile/08195795661130888170noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6205699393507977773.post-59553051630016930842012-05-23T01:14:02.463-07:002012-05-23T01:14:02.463-07:00बच्चन जी और दिनकर जी साहित्याकाश के दैदीप्यमान नक्...बच्चन जी और दिनकर जी साहित्याकाश के दैदीप्यमान नक्षत्र हैं ....उनके सामनें हमारा कद बहुत छोटा है। परन्तु ये बात ज़रूर है कि इन महान हस्तियों की रचनाये पढ़ पढ़ के जीवन के कटु अनुभवों को शब्दों में पिरोने की सीख मिली है<br />उत्साह्वर्धन के लिये बहुत बहुत धन्यवाद मधुरेश भाईAnjani Kumarhttps://www.blogger.com/profile/02137522297518614325noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6205699393507977773.post-28299616619419648922012-05-22T15:18:38.527-07:002012-05-22T15:18:38.527-07:00वाह! ये भी बहुत अच्छी रचना.. बच्चन और दिनकर से बहु...वाह! ये भी बहुत अच्छी रचना.. बच्चन और दिनकर से बहुत प्रभावित लगते हैं... बहुत शुभकामनायें!Madhureshhttps://www.blogger.com/profile/03058083203178649339noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6205699393507977773.post-14163666850553343402012-05-20T00:10:42.937-07:002012-05-20T00:10:42.937-07:00एक पल उल्लास का है ,अनगिनत अवसाद के क्षण
पापहन्ता ...एक पल उल्लास का है ,अनगिनत अवसाद के क्षण<br />पापहन्ता राम विस्मित , जब दिखे हर ओर रावण<br />पुण्य पातक पर बहस ,अब छोड़ भी दो,कल करेंगे<br />इस दशहरे में किसी पुतले का जलना ही बहुत है<br /><br />प्रिय अंजनी जी बहुत सुन्दर सन्देश देती ..सुन्दर मूल भाव लिए रचना ...काश ये रावण पुतले के रूप में ही नहीं असल में भी ख़तम हो सकें तो आनंद और आये <br />आभार <br />भ्रमर ५ <br />भ्रमर का दर्द और दर्पण <br />निष्प्राण ....शब्द देखेंSurendra shukla" Bhramar"5https://www.blogger.com/profile/11124826694503822672noreply@blogger.com